चुम्बकत्व तथा विद्युतचुम्बक
⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪⧪
चुम्बकीय क्षेत्र
किसी पदार्थ का वह क्षेत्र जिसमे चुम्बकीय बल का अनुभव किया जाये , चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है।
चुम्बकत्व
चुम्बकत्व किसी पदार्थ का वह गुण है जो उसमें चुम्बकीय बल रेखायें उत्पन्न करने में सहायता करता है।
चुम्बक
वह पदार्थ जिसमें चुम्बकीय बल रेखायें निहित होती है , चुम्बक कहलाता है। चुम्बक दो प्रकार का प्राकृतिक तथा मानव निर्मित होता है।
-चुम्बक के चरों ओर पृथ्वी की तरह ही चुमकिय क्षेत्र होता है।
-चुम्बक के सिरों पर चुम्बकीय क्षेत्र अधिक होता है।
-चुम्बक के केंद्र में चुम्बकीय क्षेत्र नगण्य होता है।
-विद्युत् आवेशों की गति की तरह ही चुम्बकीय बल रेखाओं की भी दिशायें होती हैं।
-प्रत्येक चुम्बक में एक उत्तरी ध्रुव तथा एक दक्षिणी ध्रुव होता है जैसे विद्युत् आवेश ऋणात्मक या धनात्मक होते हैं।
-सामान ध्रुव एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं तथा आसमान ध्रुव एक दूसरे को आकर्षित करते हैं।
-किसी भी चुम्बकीय पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर चुम्बकत्व उत्पन्न किया जा सकता है।
-चुम्बकीय बल रेखाएं एक दूसरे को विकर्षित करती है , इनके बिच म्यूच्यूअल प्रतिकर्षण होने के कारण ।
-चुम्बकीय क्षेत्र बहार की और विस्तारित होती हैं तथा चुम्बक से दूर जाने पर बल रेखाओं के बिच की दुरी बढ़ती जाती है। (less energy)
चुम्बकीय पदार्थों से सम्बंधित तथ्य -
1.चुम्बकीय बल - किसी चुम्बक द्वारा दूसरे चुम्बक लगाया गया आकर्षण या प्रतिकर्षण का बल चुम्बकीय बल कहलाता है।
2.एकांक ध्रुवीय सामर्थ - इसे उस ध्रुव के सामर्थ द्वारा परिभाषित करते है जिसे जब निर्वात में उसके सामान ध्रुव से एक मीटर की दुरी पर रखा जाये तो उनके बिच एक न्यूटन का प्रतिकर्षण बल लगता है।
3.चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व(B) - किसी पदार्थ के एकांक पृष्ठ क्षेत्रफल से लम्बवत दिशा में गुजरने वाले चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या को फ्लक्स घनत्व कहते हैं। इसका मात्रक वेबर पर वर्ग मीटर या टेस्ला है।
Φ
B= A
4.चुम्बकीय क्षेत्र सामर्थ्य -
इसे निम्न दो प्रकार से परिभाषित करते हैं।
(१) चुम्बकीय क्षेत्र में किसी बिंदु पर स्थित एकांक क्षेत्रफल से गुजरने वाले चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या को चुम्बकीय क्षेत्र सामर्थ्य कहते हैं
(२) चुम्बकीय क्षेत्र में किसी बिंदु पर स्थित एकांक उत्तरी ध्रुव पर कार्य करने वाले बल को चुम्बकीय ध्रुव सामर्थ्य कहते है।
5.सापेक्ष चुंबकशीलता - किसी एक ही चुम्बकन बल(H) द्वारा किसी पदार्थ में उत्पन्न तथा निर्वात में उत्पन्न फ्लक्स घनत्व(B) का अनुपात सापेक्ष चुंबकशीलता(μr ) कहलाता है।
μr=1+K/μ० (जहाँ K सासेप्टिबिलिटी है )
6.निरपेक्ष चुंबकशीलता(μ) - किसी चुम्बकन बल (H) द्वारा उत्पन्न फ्लक्स घनत्व (B) हो तो (B) एवं (H) के अनुपात को निरपेक्ष चुंबकशीलता (μ) कहते हैं।
μ=μ० μr
μ० निर्वात की चुंबकशीलता है।
7.चुम्बकीय विभव - किसी चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकन बल के विरुद्ध एकांक उत्तरी ध्रुव को अनंत से किसी बिंदु तक लेन में किये गए कार्य को उस बिंदु पर चुम्बकीय विभव कहते हैं।
8.चुम्बकन तीव्रता(I) - मैगनेट बार के प्रति एकांक क्षेत्रफल के ध्रुव सामर्थ्य को चुम्बकं तीव्रता कहते हैं।
इसे (I) से प्रदर्शित करते हैं।
9.सासेप्टिबिलिटी (Susceptibility)- चुम्बकं तीव्रता (I) तथा चुम्बकन बल (H) के अनुपात को ससेप्टिबिलिटी कहते हैं।
K=I/H
10.चुम्बकत्व वाहक बल(mmf) - वह बल जो चुम्बकीय परिपथ में फ्लक्स को स्थापित करता है या करने का प्रयास करता है, चुम्बकत्व वाहक बल (mmf ) कहलाता है।
यह कुंडली में वर्तनो की संख्या तथा उसमे प्रवाहित धरा के गुरनफल के बराबर होता है।
mmf =NI
11.चुम्बकीय प्रतिष्टम्भ(Reluctance) - पदार्थ का वह गुण जो उसमें फ्लक्स उत्पन्न करने का विरोध करता है प्रतिष्टम्भ (S) कहलाता है।
12.को-अरसिव बल(Co ercive Force) - चुम्बकं बल हटाने के बाद भी चुम्बक के चुम्बकत्व का मन शून्य नहीं होता , इसे शून्य करने के लिए विपरीत दिशा में लगाया गया बल को अरसिव बल कहलाता है।
रिमिनेंस - पदार्थ पर आरोपित चुम्बकीय बल हटा लेने पर भी जो उसमें फ्लक्स घनत्व शेष रह जाता है उसे रीमेनेंस कहते हैं।
13.रिटेंटीवीटी(Retentivity) - किसी चुम्बकित पदार्थ अधिकतम अवशिष्ट प्रेरण के गुण को रिटेंटीवीटी कहते हैं।
चुम्बकीय पदार्थों का वर्गीकरण -
सापेक्ष चुंबकशीलता के अनुसार चुम्बकीय पदार्थों को निम्नलिखित तीन भागों में बाँटा जाता है।
(1) फैरोमेग्नेटिक पदार्थ - फैरोमेग्नेटिक पदार्थों की सापेक्ष चुंबकशीलता का मान एक से बहुत अधिक होता है। तथा ये क्षेत्र समर्थ पर निर्भर करते हैं।
उदहारण - लोहा, कोबाल्ट , निकल।
गलिनिअम भी इसी वर्गीकरण में आता है , इसकी सासेप्टिबिलिटी अधिक होती है।
(2) अनुचुम्बकीय पदार्थ - अनुचुम्बकीय पदार्थों की सापेक्ष चुंबकशीलता का मान एक से कुछ अधिक होता है। ये पदार्थ चुम्ब्कीय क्षेत्र में क्षीण चुम्बकित होते हैं।
उदाहरण - अलुमिनियम, प्लैटिनम , ऑक्सीजन।
(3) प्रतिचुम्बकीय पदार्थ - इन पदार्थों की सापेक्ष चुंबकशीलता का मान एक से कम होता है। ये बल रेखाओं को कुछ प्रतिकर्षित करते हैं।
उदहारण - बिस्मथ , सिल्वर , कॉपर , हैड्रोजन।
मैग्नेटिकली सॉफ्ट पदार्थ -
ये पदार्थ विद्युत् चुम्बक बनाने के लिए उपयुक्त होते हैं। इनका वर्गीकरण निम्नलिखित है।
(1)इन पदार्थों की चुंबकशीलता अधिक होती है।
(2)इन पदार्थों मे संगृहीत चुम्बकीय ऊर्जा अधिक नहीं होती है।
(3)इन पदार्थों का को अरसिव बल नगण्य होता है।
(इसी कारन से ये स्थायी चुम्बक बनाने के लिए उपयुक्त नहीं होते। )
(4)इन पदार्थों का रिमेनेंस कम होता है।
उदहारण - प्योर या इंगोट आयरन , मैंगनीज़ व निकल स्टील , कास्ट आयरन , सिलिकॉन स्टील , कार्बन स्टील , munetal , perminvar , permallasy .
मैग्नेटिकली हार्ड पदार्थ -
ये पदार्थ स्थायी चुम्बक बनाने के लिए उपयुक्त होते हैं।
इनके निम्नलिखित गुण होते हैं-
(1)पदार्थ अधिक बह प्रोडक्ट युक्त होते हैं।
(2)रिटेंटीवीटी अधिक
(3)को अरसिव बल अधिक
(4)रेलक्टैंस अधिक
(5)हिस्टेरिसिस लूप आकर में अधिक रेक्टेंगुलर होता है।
उदाहरण - टंग्स्टन स्टील , कोबाल्ट स्टील , क्रोमियम स्टील , एल्निको , cunife , hypernic .
चुम्बकीय बल के नियम -
कुलाम ने ज्ञात किया कि किसी माध्यम में दो चुम्बकीय ध्रुवों के मध्य लगने वाला बल -
उन दोनों के ध्रुव सामर्थ्य के गुणनफल के समानुपाती होता है।
ध्रुवों के बिच की दुरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
बिच के माध्यम के निरपेक्ष चुंबकशीलता के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
F ∝ m1m2
F ∝ 1/ squire of d
F = k.m1m2/squire of d
जहाँ k एक नियतांक है जिसका मान रखने पर -
m1m2
F= 4πμd2
चुम्बकीय पदार्थों का वर्गीकरण -
सापेक्ष चुंबकशीलता के अनुसार चुम्बकीय पदार्थों को निम्नलिखित तीन भागों में बाँटा जाता है।
(1) फैरोमेग्नेटिक पदार्थ - फैरोमेग्नेटिक पदार्थों की सापेक्ष चुंबकशीलता का मान एक से बहुत अधिक होता है। तथा ये क्षेत्र समर्थ पर निर्भर करते हैं।
उदहारण - लोहा, कोबाल्ट , निकल।
गलिनिअम भी इसी वर्गीकरण में आता है , इसकी सासेप्टिबिलिटी अधिक होती है।
(2) अनुचुम्बकीय पदार्थ - अनुचुम्बकीय पदार्थों की सापेक्ष चुंबकशीलता का मान एक से कुछ अधिक होता है। ये पदार्थ चुम्ब्कीय क्षेत्र में क्षीण चुम्बकित होते हैं।
उदाहरण - अलुमिनियम, प्लैटिनम , ऑक्सीजन।
(3) प्रतिचुम्बकीय पदार्थ - इन पदार्थों की सापेक्ष चुंबकशीलता का मान एक से कम होता है। ये बल रेखाओं को कुछ प्रतिकर्षित करते हैं।
उदहारण - बिस्मथ , सिल्वर , कॉपर , हैड्रोजन।
मैग्नेटिकली सॉफ्ट पदार्थ -
ये पदार्थ विद्युत् चुम्बक बनाने के लिए उपयुक्त होते हैं। इनका वर्गीकरण निम्नलिखित है।
(1)इन पदार्थों की चुंबकशीलता अधिक होती है।
(2)इन पदार्थों मे संगृहीत चुम्बकीय ऊर्जा अधिक नहीं होती है।
(3)इन पदार्थों का को अरसिव बल नगण्य होता है।
(इसी कारन से ये स्थायी चुम्बक बनाने के लिए उपयुक्त नहीं होते। )
(4)इन पदार्थों का रिमेनेंस कम होता है।
उदहारण - प्योर या इंगोट आयरन , मैंगनीज़ व निकल स्टील , कास्ट आयरन , सिलिकॉन स्टील , कार्बन स्टील , munetal , perminvar , permallasy .
मैग्नेटिकली हार्ड पदार्थ -
ये पदार्थ स्थायी चुम्बक बनाने के लिए उपयुक्त होते हैं।
इनके निम्नलिखित गुण होते हैं-
(1)पदार्थ अधिक बह प्रोडक्ट युक्त होते हैं।
(2)रिटेंटीवीटी अधिक
(3)को अरसिव बल अधिक
(4)रेलक्टैंस अधिक
(5)हिस्टेरिसिस लूप आकर में अधिक रेक्टेंगुलर होता है।
उदाहरण - टंग्स्टन स्टील , कोबाल्ट स्टील , क्रोमियम स्टील , एल्निको , cunife , hypernic .
चुम्बकीय बल के नियम -
कुलाम ने ज्ञात किया कि किसी माध्यम में दो चुम्बकीय ध्रुवों के मध्य लगने वाला बल -
उन दोनों के ध्रुव सामर्थ्य के गुणनफल के समानुपाती होता है।
ध्रुवों के बिच की दुरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
बिच के माध्यम के निरपेक्ष चुंबकशीलता के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
F ∝ m1m2
F ∝ 1/ squire of d
F = k.m1m2/squire of d
जहाँ k एक नियतांक है जिसका मान रखने पर -
m1m2
F= 4πμd2
No comments:
Post a Comment